1. अक्षय उर्जा क्षेत्र में निवेश के आकषर्ण की दृष्टि से भारत तीसरे स्थान पर
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण अभियानों में सेवा देते हुए मारे गए चार भारतीय शांतिरक्षकों और एक नागरिक सहित अन्य 124 कर्मियों को उनके साहस एवं बलिदान के लिए मरणोपरांत प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया जाएगा।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, ‘मासिक थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर शून्य से ऊपर निकलकर 0.34 फीसदी अस्थाई आंकड़ा हो गई जो कि पिछले महीने शून्य से 0.85 फीसदी नीचे थी।’
अक्षय उर्जा के क्षेत्र में देश के आकषर्ण संबंधी सूचकांक में भारत तीसरे स्थान पर हैं। इसमें पहले और दूसरे स्थान पर क्रमश: अमेरिका तथा चीन हैं।
अर्न्स्ट एंड यंग की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इसका मुख्य कारण भारत सरकार का अक्षय उर्जा पर जोर के साथ नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा परियोजनाओं का समय पर क्रियान्वयन है।’’ अर्न्स्ट एंड यंग के बयान के मुताबिक सूचकांक में उभरते बाजारों की हिस्सेदारी आधी है। वहीं शीर्ष 30 देशों में चार अफ्रीकी देशों को जगह मिली है।
एक दशक पहले केवल चीन तथा भारत इस मामले में आकषर्क गंतव्य थे और अक्षय उर्जा निवेश के मामले में विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा कर रहे थे। चिली, ब्राजील तथा मैक्सिको सूचकांक में उपर आये हैं जबकि जर्मनी तथा फ्रांस की रैंकिंग घटी है।
2. संयुक्त राष्ट्र की कृषि इकाई आईफैड भारत को देगा 15 करोड़ डालर का अनुदान
संयुक्त राष्ट्र का अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष :आईफैड: अगले तीन साल में भारत को 15 करोड़ डालर :करीब 1,001 करोड़ रपए: का अनुदान देगा।
आईफैड के निदेशक :स्वतंत्र आकलन कार्यालय: ऑस्कर गार्सिया ने बताया, ‘‘आईफैड अगले तीन साल में भारत के कृषि क्षेत्र में 15 करोड़ डालर का निवेश करेगा।’’ आईफैड का मुख्यालय रोम में है जो संयुक्त राष्ट्र का खाद्य एवं कृषि केन्द्र है।’’ आईफैड ने अनुदान में 17.7 अरब डालर दिए हैं जो विभिन्न परियोजनाओं के जरिए ग्रामीण क्षेत्र में करीब 45.9 करोड़ लोगों तक पहुंच रहा है ताकि गरीबी हटाई जा सके।
3. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त को ब्रिटेन में प्रदान की गई मानद फेलोशिप
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी को ‘भारत के वर्तमान एवं भविष्य को संवारने में’ उनके योगदान देखते हुए ब्रिटेन में एक छात्र संस्था की ओर से मानद फेलोशिप प्रदान की गई।
भारत के उप उच्चायुक्त डॉक्टर वीरेंद्र पॉल ने '100 फुट जर्नी क्लब' और 'नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड यल्यूमनी यूनियन' (निसाउ) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कुरैशी मानद फेलोशिव प्रदान किया।
4. भारतीय मूल के तमिल विद्वान का दक्षिण अफ्रीका में निधन
दक्षिण अफ्रीका की सरकार को माध्यमिक स्कूलों में भाषा के तौर पर तमिल पढ़ाने के लिए राजी करने में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय मूल के तमिल विद्वान एवं लेखक कंडासामी कुप्पुसामी का निधन हो गया। वह 103 वर्ष के थे।
कुप्पुसामी ने एक अध्यापक के तौर पर अपने करियर की शुरआत की और उस काल में भारतीय शिक्षा विभाग में स्कूलों के प्रथम निरीक्षक बने जब व्यवस्था में रंगभेद नीति मौजूद थी। दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय कुप्पुसामी के निधन पर अत्यंत दुखी है।
वह दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के बीच भारतीय समुदाय व तमिल संस्कृति में शिक्षा पर एक सफल लेखक भी थे। उनकी लोकप्रिय पुस्तकों में ‘ए शार्ट हिस्टरी आफ इंडियन एजुकेशन’, ‘रिलिजन, कस्टम्स एंड प्रैक्टिसेस आफ साउथ अफ्रीकन इंडियन्स’ और ‘दि थ्री पिलर्स आफ तमिल’ शामिल हैं।
कुप्पुसामी साउथ अफ्रीकन-तमिल फेडरेशन के संस्थापक सदस्य थे और सबसे अधिक समय तक इसके सदस्य रहे।
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण अभियानों में सेवा देते हुए मारे गए चार भारतीय शांतिरक्षकों और एक नागरिक सहित अन्य 124 कर्मियों को उनके साहस एवं बलिदान के लिए मरणोपरांत प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक दिवस पर इन लोगों को डैग हैमरस्कजोल्ड मेडल दिया जाएगा। भारतीय शांतिरक्षकों में हेड कांस्टेबल शुभकरण यादव, रायफलमैन मनीष मलिक, हवलदार अमल डेका, नायक राकेश कुमार शामिल हैं। उनके साथ गगन पंजाबी भी मारे गए।
यादव ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरन मिशन :मोनुस्को: में सेवा देते हुए अप्रैल में शहीद हो गए थे। मलिक भी इसी मिशन में सेवा देते हुए अगस्त में शहीद हो गए।
डेका संयुक्त राष्ट्र मुक्ति पर्यवेक्षण बल :यूएनडीओएफ: में सेवा देते हुए पिछले साल जून में शहीद हो गए और कुमार की जनवरी 2015 में संयुक्त राष्ट्र दक्षिण सूडान मिशन :यूएनमिस: में सेवा देते हुए मारे गए।
गगन पंजाबी संयुक्त राष्ट्र स्वयंसेवक कार्यक्रम के तहत नागरिक क्षमता में काम करते हुए पिछले साल जनवरी में एक हादसे का शिकार हो गए और उनकी मौत हो गयी।
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक दिवस हर साल 29 मई को मनाया जाता है लेकिन इस साल यह 19 मई को मनाया जाएगा।
6. गेरेमेव लगातार दूसरा विश्व 10के खिताब जीतने वाले पहले एथलीट बने
मोसिनेट गेरेमेव और पेरेस जेपचिरचिर ने नौंवी टीसीएस विश्व 10के में शानदार जीत दर्ज की।
आठ किमी की दौड़ पर नियंत्रण करते हुए गेरेमेव ने अंत में 28.36 मिनट से दौड़ जीत ली और वह लगातार दूसरी बार खिताब जीतने वाले पहले एथलीट बन गये।
ट्रैक की अंतिम लैप तक गेरेमेव कीनिया के जॉन लैंगट और बोंसा डिडा से पिछड़ रहे थे लेकिन उन्होंने एक सेकेंड से इन्हें पछाड़ते हुए 23,000 डालर का ईनामी चेक अपने नाम किया।
7. फर्लांग आईसीसी की स्ट्रेटेजिक कम्यूनिकेशंस की नयी महाप्रबंधक बनी
आईसीसी ने क्लयेर फर्लांग को अपने स्ट्रेटेजिक कम्यूनिकेशंस का महाप्रबंधक नियुक्त किया। वह 17 जुलाई से अपना पद संभाल लेंगी।
फर्लांग अभी हनोवर स्पोर्ट की प्रमुख हैं जिसके ग्राहक इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड, एनएफएल और एशियाई फुटबाल परिसंघ है।
8. भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर दीपक शोधन का निधन
भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर दीपक शोधन का निधन हो गया है। वह 87 साल के थे। वह अपने करियर के पहले टेस्ट की पहली पारी में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज थे।
9. थोक मुद्रास्फीति 17 माह बाद शून्य से ऊपर, अप्रैल में 0.34 फीसदी रही
थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 17 महीने बाद शून्य से उपर निकलकर अप्रैल में 0.34 फीसदी हो गई। सब्जी और दालों के दाम बढऩे से थोक मुद्रास्फीति में यह तेजी आई है। पिछले महीने मार्च में थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति शून्य से 0.85 प्रतिशत थी।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, ‘मासिक थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर शून्य से ऊपर निकलकर 0.34 फीसदी अस्थाई आंकड़ा हो गई जो कि पिछले महीने शून्य से 0.85 फीसदी नीचे थी।’
पिछले साल इसी माह में यह शून्य से 2.43 फीसदी नीचे थी। खाद्य मुद्रास्फीति अप्रैल में 4.23 प्रतिशत थी और मार्च में 3.73 फीसदी थी। सब्जियों की मंहगाई दर इस अप्रैल में 2.21 प्रतिशत रही जो पिछले साल इसी माह के दौरान शून्य से 2.26 प्रतिशत नीचे थी। दालों के दाम 36.36 फीसदी बढ़ गये जो पिछले साल अप्रैल माह में 34.45 प्रतिशत बढ़े थे।
इधर, प्याज एवं फल जैसे उपभोक्ता उत्पादों का मूल्य घटा है जिनके दाम क्रमश शून्य से 18.18 फीसदी नीचे और शून्य से 2.38 फीसदी नीचे रहे हैं। पिछले सप्ताह जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल महीने में खुदरा मुद्रास्फीति बढक़र 5.39 फीसदी हो गई जो एक माह पहले 4.83 प्रतिशत थी।