DAILY G.A UPDATE : 21-07-2016
1. मंत्रिमंडल ने मोजाम्बिक के साथ हवाई सेवा समझौते को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मोजाम्बिक के बीच हवाई सेवा समझौता (एएसए) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी। इस कदम से दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।
2. आईटी, दूरसंचार क्षेत्र में सहयोग बढाएंगे भारत तथा ट्यूनिशिया
भारत व अ्रफीकी देश ट्यूनिशिया ने आईटी, दूरसंचार व डिजिटल अर्थव्यवस्था में द्विपक्षीय सहयोग बढाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
3. रेल टिकटों के प्रसार के लिए आईआरसीटीसी ने भारतीय स्टेट बैंक से हाथ मिलाया
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से रेल टिकटों के प्रचार-प्रसार की विस्तृत योजना तैयार करने के लिए हाथ मिलाया है। इसमें इंटरनेट टिकट और गैर-आरक्षित टिकट प्रणाली शामिल है।
रेलवे मंत्रालय के तहत काम करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आईआरसीटीसी ने इस बाबत एसबीआई के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत गैर-आरक्षित टिकट प्रणाली और ऐसी ही अन्य सेवाओं को संयुक्त रूप से लिया जाएगा। आईआरसीटीसी खानपान, पर्यटन और इंटरनेट टिकट जैसी गतिविधियों को संभालती है।
आईआरसीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम दोनों संयुक्त रूप से आपसी सहयोग के क्षेत्रों की तलाश करेंगे और रेलवे टिकट के प्रचार-प्रसार के लिए एक विस्तृत रूप रेखा तैयार करेंगे।
इसके तहत दोनों संयुक्त रूप से वित्तीय तौर पर व्यवहारिक सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। इस समझौते पर आईआरसीटीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ए. के. मनोचा और एसबीआई की अध्यक्ष अरूंधति भट्टाचार्य ने 18 जुलाई को हस्ताक्षर किए।
4. एनपीए प्रबंधन के लिए एक अरब डॉलर का कोष बनाएंगे एसबीआई, ब्रूकफील्ड एएमसी
देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और ब्रूकफील्ड संपत्ति प्रबंधन कंपनी ने एक अरब डालर के शुरआती कोष से एक संयुक्त उद्यम कंपनी बनाई है। इस राशि का इस्तेमाल फंसे कर्ज की संपत्तियों में निवेश के लिए किया जायेगा।
सरकारी बैंक ने एक बयान में बताया कि इस संयुक्त उपक्रम में ब्रूकफील्ड ने 7,000 करोड़ रपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है जबकि एसबीआई फंसी हुए कर्ज की संपत्तियों में कुल पांच प्रतिशत तक का निवेश करेगा।
बैंक की अध्यक्ष अरूंधति भट्टाचार्य ने बयान में कहा कि यह फंसे हुए कर्ज से निपटने का एक विकल्प है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ इस संबंध में बात की जा रही है।
इस संयुक्त उपक्रम में फंसे हुए कर्ज की विभिन्न संपत्तियों का आकलन ब्रूकफील्ड की परिचालनात्मक विशेषज्ञता के माध्यम से किया जाएगा।
5. वस्त्र निर्यात में बढ़ोतरी के लिए एईपीसी का ईरान से करार
भारत के सबसे बड़े निर्यात संवर्धन परिषद ,परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने तेहरान परिधान संघ (TGU) के साथ द्विपक्षीय व्यापार और दोनों देशों के बीच वस्त्र और फैशन के क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित तीन दिवसीय इंडिया इंटरनेशनल गार्मेंट फेयर के दौरान इस आशय के सहमति पत्र पर भारत सरकार की ओर से एईपीसी के अध्यक्ष अशोक जी. रजनी और ईरान सरकार की तरफ से तेहरान गार्मेंट यूनियन (टीजीयू) के उपाध्यक्ष मोहम्मद जावेद सेदगामिज ने हस्ताक्षर किये।
6. संचार मंत्रालय का विभाजन, आईटी के लिए बना नया मंत्रालय
केंद्र ने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का विभाजन कर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी नाम का एक नया मंत्रालय बनाया है। इसका उद्देश्य आधार, इंटरनेट प्रचार और अन्य संबंधित सेवाओं को बढ़ावा देना है। फैसले के मुताबिक अब दो मंत्रालय होंगे- पहला संचार मंत्रालय और दूसरा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय। संचार मंत्रालय में दो विभाग दूरसंचार विभाग और डाक विभाग होंगे। वहीं, नए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग होगा। कैबिनेट सेक्रेटेरिएट द्वारा हाल में जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस संबंध में भारत सरकार (कामकाज आवंटन) नियम 1961 में बदलाव को मंजूरी दी है।
नए मंत्रालय की यह होगी जिम्मेदारी : इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सभी भारतीय नागरिकों को आधार संख्या जारी करने संबंधी प्राधिकरण यूआईडीएआई से जुड़े सभी मामले देखेगा।
यह इंटरनेट प्रचार, सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी सेवाओं और ‘नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर’ (एनआईसी) सहित अन्य मामले भी देखेगा।
7. फॉर्च्यून 500 की सूची में सात भारतीय कंपनियां, इंडियन ऑयल रही आगे
दुनिया की बड़ी कंपनियों की फॉर्च्यून 500 सूची में सात भारतीय कंपनियां जगह पाने में कामयाब रही हैं। इनमें इंडियन ऑयल कापरेरेशन का स्थान सबसे उपर रहा है, जबकि ओएनजीसी सूची में स्थान बनाने में नाकाम रही। राजस्व के हिसाब से यह सूची तैयार की गई है। खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वॉलमॉर्ट सूची में पहले स्थान पर है।
भारतीय कंपनियों में इंडियन ऑयल कारपोरेशन सबसे उंचे यानी 161वें स्थान पर है। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी 2016 में इस सूची से बाहर हो गई है। उसका स्थान निजी क्षेत्र की रत्न एवं आभूषण निर्यात करने वाली कंपनी राजेश एक्सपोर्ट्स ने लिया है जो सूची में 423वें स्थान पर है।
सूची में शामिल सात भारतीय कंपनियों में से चार सार्वजनिक क्षेत्र की हैं। निजी क्षेत्र की तीन कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स तथा राजेश एक्सपोर्ट्स सूची में शामिल हैं। निजी क्षेत्र की कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज सूची में सबसे आगे है।
फॉर्च्यून 500 सूची में 54.7 अरब डालर की आय के साथ इंडियन आयल 161वें स्थान पर है। पिछले साल यह 119वें स्थान पर थी। इसी तरह रिलायंस इंडस्ट्रीज भी फिसलकर 215वें स्थान पर आ गई है। पिछले साल यह 158वें स्थान पर थी। भारत पेट्रोलियम इस साल खिसककर 358वें स्थान पर आ गई है। पिछले साल यह 280वें स्थान पर थी। हिंदुस्तान पेट्रोलियम 327वें स्थान से फिसलकर 367वें स्थान पर आ गई है।
हालांकि, टाटा मोटर्स और भारतीय स्टेट बैंक की स्थिति में सुधार हुआ है। टाटा मोटर्स पिछले साल के 254वें स्थान से 226वें स्थान पर पहुंच गई है। वहीं स्टेट बैंक इस सूची में 260वें से उपर चढ़कर 232वें स्थान पर पहुंच गया। इस सूची में वॉलमॉर्ट 48,213 करोड़ डालर के राजस्व के साथ पहले स्थान पर रही है। स्टेट ग्रिड 32,960.1 करोड़ डालर के राजस्व के साथ दूसरे स्थान पर रही है। वहीं चाइना नेशनल पेट्रोलियम 29,927.1 करोड़ डालर के राजस्व के साथ तीसरे स्थान पर है।
1. मंत्रिमंडल ने मोजाम्बिक के साथ हवाई सेवा समझौते को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मोजाम्बिक के बीच हवाई सेवा समझौता (एएसए) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी। इस कदम से दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।
2. आईटी, दूरसंचार क्षेत्र में सहयोग बढाएंगे भारत तथा ट्यूनिशिया
भारत व अ्रफीकी देश ट्यूनिशिया ने आईटी, दूरसंचार व डिजिटल अर्थव्यवस्था में द्विपक्षीय सहयोग बढाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
3. रेल टिकटों के प्रसार के लिए आईआरसीटीसी ने भारतीय स्टेट बैंक से हाथ मिलाया
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से रेल टिकटों के प्रचार-प्रसार की विस्तृत योजना तैयार करने के लिए हाथ मिलाया है। इसमें इंटरनेट टिकट और गैर-आरक्षित टिकट प्रणाली शामिल है।
रेलवे मंत्रालय के तहत काम करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आईआरसीटीसी ने इस बाबत एसबीआई के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत गैर-आरक्षित टिकट प्रणाली और ऐसी ही अन्य सेवाओं को संयुक्त रूप से लिया जाएगा। आईआरसीटीसी खानपान, पर्यटन और इंटरनेट टिकट जैसी गतिविधियों को संभालती है।
आईआरसीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम दोनों संयुक्त रूप से आपसी सहयोग के क्षेत्रों की तलाश करेंगे और रेलवे टिकट के प्रचार-प्रसार के लिए एक विस्तृत रूप रेखा तैयार करेंगे।
इसके तहत दोनों संयुक्त रूप से वित्तीय तौर पर व्यवहारिक सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। इस समझौते पर आईआरसीटीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ए. के. मनोचा और एसबीआई की अध्यक्ष अरूंधति भट्टाचार्य ने 18 जुलाई को हस्ताक्षर किए।
4. एनपीए प्रबंधन के लिए एक अरब डॉलर का कोष बनाएंगे एसबीआई, ब्रूकफील्ड एएमसी
देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और ब्रूकफील्ड संपत्ति प्रबंधन कंपनी ने एक अरब डालर के शुरआती कोष से एक संयुक्त उद्यम कंपनी बनाई है। इस राशि का इस्तेमाल फंसे कर्ज की संपत्तियों में निवेश के लिए किया जायेगा।
सरकारी बैंक ने एक बयान में बताया कि इस संयुक्त उपक्रम में ब्रूकफील्ड ने 7,000 करोड़ रपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है जबकि एसबीआई फंसी हुए कर्ज की संपत्तियों में कुल पांच प्रतिशत तक का निवेश करेगा।
बैंक की अध्यक्ष अरूंधति भट्टाचार्य ने बयान में कहा कि यह फंसे हुए कर्ज से निपटने का एक विकल्प है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ इस संबंध में बात की जा रही है।
इस संयुक्त उपक्रम में फंसे हुए कर्ज की विभिन्न संपत्तियों का आकलन ब्रूकफील्ड की परिचालनात्मक विशेषज्ञता के माध्यम से किया जाएगा।
5. वस्त्र निर्यात में बढ़ोतरी के लिए एईपीसी का ईरान से करार
भारत के सबसे बड़े निर्यात संवर्धन परिषद ,परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने तेहरान परिधान संघ (TGU) के साथ द्विपक्षीय व्यापार और दोनों देशों के बीच वस्त्र और फैशन के क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित तीन दिवसीय इंडिया इंटरनेशनल गार्मेंट फेयर के दौरान इस आशय के सहमति पत्र पर भारत सरकार की ओर से एईपीसी के अध्यक्ष अशोक जी. रजनी और ईरान सरकार की तरफ से तेहरान गार्मेंट यूनियन (टीजीयू) के उपाध्यक्ष मोहम्मद जावेद सेदगामिज ने हस्ताक्षर किये।
6. संचार मंत्रालय का विभाजन, आईटी के लिए बना नया मंत्रालय
केंद्र ने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का विभाजन कर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी नाम का एक नया मंत्रालय बनाया है। इसका उद्देश्य आधार, इंटरनेट प्रचार और अन्य संबंधित सेवाओं को बढ़ावा देना है। फैसले के मुताबिक अब दो मंत्रालय होंगे- पहला संचार मंत्रालय और दूसरा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय। संचार मंत्रालय में दो विभाग दूरसंचार विभाग और डाक विभाग होंगे। वहीं, नए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग होगा। कैबिनेट सेक्रेटेरिएट द्वारा हाल में जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस संबंध में भारत सरकार (कामकाज आवंटन) नियम 1961 में बदलाव को मंजूरी दी है।
नए मंत्रालय की यह होगी जिम्मेदारी : इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सभी भारतीय नागरिकों को आधार संख्या जारी करने संबंधी प्राधिकरण यूआईडीएआई से जुड़े सभी मामले देखेगा।
यह इंटरनेट प्रचार, सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी सेवाओं और ‘नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर’ (एनआईसी) सहित अन्य मामले भी देखेगा।
7. फॉर्च्यून 500 की सूची में सात भारतीय कंपनियां, इंडियन ऑयल रही आगे
दुनिया की बड़ी कंपनियों की फॉर्च्यून 500 सूची में सात भारतीय कंपनियां जगह पाने में कामयाब रही हैं। इनमें इंडियन ऑयल कापरेरेशन का स्थान सबसे उपर रहा है, जबकि ओएनजीसी सूची में स्थान बनाने में नाकाम रही। राजस्व के हिसाब से यह सूची तैयार की गई है। खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वॉलमॉर्ट सूची में पहले स्थान पर है।
भारतीय कंपनियों में इंडियन ऑयल कारपोरेशन सबसे उंचे यानी 161वें स्थान पर है। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी 2016 में इस सूची से बाहर हो गई है। उसका स्थान निजी क्षेत्र की रत्न एवं आभूषण निर्यात करने वाली कंपनी राजेश एक्सपोर्ट्स ने लिया है जो सूची में 423वें स्थान पर है।
सूची में शामिल सात भारतीय कंपनियों में से चार सार्वजनिक क्षेत्र की हैं। निजी क्षेत्र की तीन कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स तथा राजेश एक्सपोर्ट्स सूची में शामिल हैं। निजी क्षेत्र की कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज सूची में सबसे आगे है।
फॉर्च्यून 500 सूची में 54.7 अरब डालर की आय के साथ इंडियन आयल 161वें स्थान पर है। पिछले साल यह 119वें स्थान पर थी। इसी तरह रिलायंस इंडस्ट्रीज भी फिसलकर 215वें स्थान पर आ गई है। पिछले साल यह 158वें स्थान पर थी। भारत पेट्रोलियम इस साल खिसककर 358वें स्थान पर आ गई है। पिछले साल यह 280वें स्थान पर थी। हिंदुस्तान पेट्रोलियम 327वें स्थान से फिसलकर 367वें स्थान पर आ गई है।
हालांकि, टाटा मोटर्स और भारतीय स्टेट बैंक की स्थिति में सुधार हुआ है। टाटा मोटर्स पिछले साल के 254वें स्थान से 226वें स्थान पर पहुंच गई है। वहीं स्टेट बैंक इस सूची में 260वें से उपर चढ़कर 232वें स्थान पर पहुंच गया। इस सूची में वॉलमॉर्ट 48,213 करोड़ डालर के राजस्व के साथ पहले स्थान पर रही है। स्टेट ग्रिड 32,960.1 करोड़ डालर के राजस्व के साथ दूसरे स्थान पर रही है। वहीं चाइना नेशनल पेट्रोलियम 29,927.1 करोड़ डालर के राजस्व के साथ तीसरे स्थान पर है।
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