18 Jan 2017

HINDI NEWS - 18-01-2017

DAILY G.A UPDATE : 18-01-2017


1. ब्रिटिश कवि जैकब पोली को टी.एस. इलियट पुरस्कार


ब्रिटिश कवि जैकब पोली को 2016 का टी.एस. इलियट पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्हें उनकी चैथी कविता संग्रह ’जैकसेल्फ’ के लिए यह पुरस्कार मिला। यह कविता संग्रह कम्ब्रिया से जुड़ी उनकी बचपन की यादों से आंशिक रूप से प्रेरित है। समाचार पत्र ’द गार्जियन’ के मुताबिक, निर्णायक मंडल के एक सदस्य रुथ पैडल ने कहा कि ’जैकसेल्फ’ आविष्कारशील, रोमांचक, शानदार और भावनाओं की गहराई है। 

लंदन के वैलेस कलेक्शन गैलरी में आयोजित एक समारोह में पोली ब्रिटेन के सबसे प्रतिष्ठित कविता पुरस्कार के विजेता के रूप में उभरे। पोली की पुस्तक 10 नामित किताबों में से चुनी गई। पोली 20,000 पाउंड (24,000 डॉलर) इनामी राशि वाले इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के 23वें विजेता हैं। इसकी स्थापना कवि टी.एस. इलियट की विधवा पत्नी वैलेरी ने 1993 में की थी और अब इसका संचालन टीएस इलियट फाउंडेशन करता है। कार्लिस्ले में 1975 में जन्मे पोली ने लैंकेस्टर विश्वविद्यालय से रचनात्मक लेखन में पढ़ाई की है और फिलहाल वह इंग्लैंड के न्यूकैसल यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं। 

2. लीजेंड्स क्लब ‘हाल आफ फेम’ में शामिल किए गए कपिल देव 


महान क्रिकेटर और भारत की विश्व कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव को आज यहां क्रिकेट क्लब आफ इंडिया में पूर्व भारतीय कप्तानों अजित वाडेकर, सुनील गावस्कर और नरी कांट्रैक्टर की मौजूदगी में लीजेंड्स क्लब ‘हाल आफ फेम’ में शामिल किया गया।

विश्व कप 1983 में भारत की जीत के दौरान टीम की कमान संभालने वाले कपिल को देश का सर्वश्रेष्ठ आलराउंडर माना जाता है।

पूर्व भारतीय खिलाड़ी और लीजेंड्स क्लब के अध्यक्ष माधव आप्टे ने कपिल को प्रशस्ति पत्र देखकर सम्मानित किया।

टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज गावस्कर को भी वाडेकर ने प्रशस्ति पत्र दिया। गावस्कर को 11 जुलाई 2013 में ही क्लब के हाल आफ फेम में शामिल किया जा चुका है।

3. रेल मंत्री ने ‘मिशन 41के’ पेश किया 


रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने भारतीय रेलवे की ऊर्जा संबंधी पहलों पर बाह्य हितधारकों के साथ गोलमेज परिचर्चा के दौरान ‘मिशन 41के’ के बारे में विस्‍तृत जानकारी दी। श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रेल मंत्रालय ने अगले दशक में रेलवे की ऊर्जा लागत में 41,000 करोड़ रुपये की बचत करने के लिए ‘मिशन 41के’ तैयार किया है। उन्‍होंने कहा कि विभिन्‍न हितधारकों की भागीदारी के साथ इस व्‍यापक रणनीति पर अमल के लिए हम नियामकीय रूपरेखाओं से लाभ उठायेंगे और नई प्रौद्योगिकियों पर गौर करेंगे। उन्‍होंने कहा कि यह सभी चीजों पर नये सिरे से गौर करने और एक आदर्श आधार-रेखा निर्धारित करने का एक अच्‍छा अवसर है। 

रेल मंत्री ने कहा कि पिछले दशक में किये गये समस्‍त विद्युतीकरण कार्यों को दोगुना किया जायेगा और यह भारतीय रेलवे के ऊर्जा मिश्रण को बदल कर रख देगा। भारतीय रेलवे ने 1000 मेगावाट सौर बिजली और 200 मेगावाट पवन ऊर्जा का लक्ष्‍य रखा है।

4. तजानी को चुना गया यूरोपीय संसद का अध्यक्ष 


ईपीपी क्रिश्चियन डेमोक्रेट समूह के एंटोनियो तजानी को यूरोपीय संसद का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है। उनका चयन एक दिवसीय मतदान श्रृंखला के जरिए किया गया है और इसमें उन्होंने अपने समाजवादी प्रतिद्वंद्वी को हराया है।

मतदान के पहले चरण से पहले यूरोपीय संघ की विधायिका के सबसे बड़े समूह ईपीपी और चौथे सबसे बड़े समूह एएलडीई ने एक गठबंधन की घोषणा की, जिससे तजानी को समाजवादी गियानी पिटेला पर शुरूआत में ही भारी बढ़त मिल गई।

फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में विधायिका में मतदान के चार चरणों तक उनकी बढ़त बनी रही।

दो इतालवी लोगों के बीच की इस लड़ाई के अंतिम निर्णायक चरण में तजानी ने 351-282 के अंतर से जीत हासिल की।

तजानी की जीत के साथ ही क्रिश्चियन डेमोक्रेट समूह को यूरोपीय संघ के सभी बड़े पद मिल गए हैं। डोनाल्ड टस्क परिषद के अध्यक्ष हैं और ज्यां -क्लॉड जंकर आयोग प्रमुख हैं।

5. भारत सर्न का सहयोगी सदस्य राज्य बना


केंद्र सरकार द्वारा सहमति दिए जाने के उपरांत भारत 16 जनवरी 2017 को यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन (सर्न) का सहयोगी सदस्य राज्य बना. 

इससे पहले नवम्बर 2016 को भारत ने इस संगठन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस समझौते पर परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष शेखर बासु एवं सर्न के महानिदेशक फैबिओला जियानोती द्वारा हस्ताक्षर किये गये.

सहयोगी सदस्य होने के नाते भारत को सर्न के डाटा पर पूरा अधिकार होगा. अब अतिरिक्त शुल्क देने पर भारत सर्न द्वारा किये जाने वाले सभी अनुसंधानों में भाग ले सकेगा. भारतीय उद्योगपति सर्न की निविदाओं में भी भाग ले सकेंगे.

सहयोगी सदस्य के रूप में भारत को प्रत्येक वर्ष सर्न को 40 करोड़ रुपये देने होंगे.

भारत-सर्न संबंध

• भारत और सर्न के संबंध 1991 में उस समय आरंभ हुए जब दोनों ओर से सहयोग समझौता किया गया. इस दौरान विभिन्न प्रोटोकॉल पर भी समझौता किया गया.

• भारत के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च ने 1960 से ही सर्न के साथ काम करना शुरू कर दिया था. संस्थान के भौतिकवादी सर्न में सक्रिय रूप से भाग ले रहे थे.

• इनके बाद राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों द्वारा 1990 में सर्न में भागीदारी आरंभ की गयी.

• यह संस्थान एलईपी एक्सीलेटर एवं एल3, डब्ल्यूए93 तथा डब्ल्यूए89 डिटेकटर्स का निर्माण भी करता है.

• भारत के वैज्ञानिकों के इस कार्य के चलते उन्हें लार्ज हैड्रन कोलाईडर के निर्माण में सहयोगी भूमिका निभाने का अवसर प्राप्त हुआ.

• भारत द्वारा दिए गये योगदान के चलते वर्ष 2002 में भारत को सर्न काउंसिल का आब्जर्वर बनाया गया.

• भारतीय वैज्ञानिक आईएसओएलडीई में भी भागीदार रहे. यह एक उच्च तकनीकी पार्टिकल डिटेक्टर है.



0 comments:

Post a Comment